पढ़िए GST का एक आसन उदाहरण ……और जानिए GST कैसे काम करता है ……



चलिए GST को एक उदहारण के द्वारा समझने की कोशिश करते है ……

जींद (हरयाणा) का एक व्यापारी जिसका नाम है संता जींद के ही एक दुसरे व्यपारी बंता को कोई माल दस लाख (10,00,000) रूपए में बेचता है और मान लीजिए की राज्य सरकार
के GST की दर 8 % है और केन्द्र के GST की दर 10% है एक प्रकार से GST की कुल दर 18% हुई | तो इस हिसाब से संता अपने खरीददार बंता से अस्सी हजार ( 80,000  ) रूपए GST तो राज्य सरकार के लिए और एक लाख (1,00,000) रूपए GST केन्द्र सरकार के लिए वसूल करेगा |
और अब आप देखिए की जब ये माल और आगे जाएगा तो क्या होगा इसी माल को जींद का व्यापारी बंता अब हरियाणा के किसी अन्य शहर जैसे की हिसार के अन्य व्यापारी पप्पू को 10.50 लाख (10,50,000) रूपए में बेचता तो वह 84,000 रूपए तो राज्य सरकार GST और 1.05 लाख (1,05,000) रूपए केन्द्र सरकार GST के रूप में वसूल करेगा | अब आपको ध्यान में रखना चाहिए की बंता पहले ही संता को टैक्स का भुगतान कर चूका है जो 80,000 रूपए राज्य सरकार GST और 1,00,000 रूपए GST केन्द्र सरकार के रूप में है अब इस प्रकार से बंता की इनपुट क्रेडिट  S GST (State GST) के रूप में 80,000 रूपए है और C GST (Center GST) के रूप में इनपुट क्रेडिट 1,00,000 रूपए है  जिसे वह अपने  खरीददार पप्पू से लिए गए टैक्स में घटा कर सरकार को जमा करा देगा |
अब इस प्रकार से बंता S GST  के रूप में (84,000 – 80,000=4000) 4000 रूपए का भुगतान राज्य सरकार के खजाने में और ठीक इसी तरह से (1,05,000-1,00,000=5000) 5000 रूपए केन्द्र सरकार के खजाने में जमा करवाएगा |

इस पुरे व्यवहार में आपने देखे की केन्द्र सरकार को 1.05 लाख (1,05,000) रूपए का टैक्स मिलेगा और राज्य सरकार को 84000 रूपए का टैक्स मिलेगा |

जाने दूसरी बार माल खरीदने पर टैक्स क्यों बढ़ा :—-

                                     आपने देखा की जब एक माल को पहली बार खरीदा था तो उस पर कुल टैक्स एक लाख अस्सी हजार रूपए( 1,80,000) था जो की एक लाख रूपए केन्द्र सरकार के लिए और अस्सी हजार रूपए राज्य सरकार के लिए था लेकिन जब यही माल जब दोबार बेचा गया तो इस पर 9000 रूपए टैक्स और बढ़ गया था ऐसा इस लिए हुआ था की जब पहली बार इस माल को बेचा गया तो इसकी किम्मत केवल दस लाख रूपए थी लेकिन जब दूसरी बार इस माल को बेचा गया तो इसकी किम्मत 10,50,000 (साढ़े दस लाख ) रूपए हो गई थी | जिस कारण से 9000 रूपए का टैक्स बढ़ गया था |

अगर ये माल आगे किसी अन्य व्यापरी को बेचा जाता है तो इसका टैक्स और भी ज्यादा बढ़ता रहेगा क्योकि हर व्यापारी पैसे कमाने के लिए इसकी कीमत बढाता रहेगा |

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